दशहरा या विजयदशमी यह हिंदुओ का एक प्रमुख त्यौहार होता है|इस त्यौहार का आयोजन अश्विन मास के शुक्लपक्ष की 10वीं तिथि को होता है |इसी दिन भगवान श्री रामचन्द्र जी ने राक्षस राज रावण का वध किया था| भारत देश में असत्य पर सत्य की विजय के रूप में भी मनाया जाता है | राम और रावण के बीच नवरात्री में ही हुआ था |रावण की मृत्यु अष्टमी व नवमी के संधि काल में और अंतिम संस्कार दशमी को हुआ था इसके बाद विजयदशमी मनाने का मुख्य उदेश्य रावण पर राम की जीत |यानि की सत्य पर असत्य की विजय हो गई |
- आज भी सम्पूर्ण रामायण की रामलीला नवरात्रों में ही खेली जाती है |
- दशवें दिन सायं काल को रावण का पुतला जलाया जाता है |
- माँ दुर्गा ने महिषासुर से लगातार 9 दिनों तक युद्ध किया और महिषासुर को मर गिराया

प्रस्तावना :
दशहरा या विजयादशमी यह हिंदुओ का एक प्रसिद्ध त्योहार होता है यह प्रत्येक वर्ष क्व़ार माह के सुदी दशमी को मनाया जाता है इसी को ही दशहरा कहा जाता है |
मनाने का कारण :
यदि हम अपने भारत देश में दशहरा या विजयदशमी के पर्व के इतिहास के बारे में बात करें तो यह बहुत ही पुराना है |वास्तव में यह एक ऋतु परिवर्तन को सूचना देने वाला त्यौहार होता है यह पर्व हमें यह बताता है कि वर्षा ऋतु भी चुकी है और सुहानी शरद ऋतु आ चुकी है|विजयदशमी के त्यौहार के विषय में हमें यह मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान श्री रामचंद्र जी ने राक्षस राज रावण को पराजित करके उसका वध किया था |इसी प्रकार एक बड़े अन्याय से संसार को मुक्ति दिलाकर उन्होंने अपने धर्म और न्याय की प्रतिष्ठा और मर्यादा सम्मान रखा था|
वर्णन :
दशहरा या विजयदशमी का सबसे बड़ा प्रिय एवं आकर्षक रामलीला ही होता है ऐसी कोई भारतीय नागरिक नहीं होगा जिसने अपने जीवन में कभी न कभी और कहीं न कहीं रामलीला देखा होगा कुछ देश में भी यही रामलीला का प्रदर्शन हर साल होता है इसी सिलसिले में बात करें तो इंडोनेशिया का नाम विशेष रूप से आता है|हमारे देश में रामलीला का इतना प्रचलित हो गया है कि छोटे या बड़े शहरों नगरों के अलावा गांव में भी लोग बड़े उत्साह के साथ रामलीला का आयोजन करते हैं नगरो में कई जगहों पर एक ही साथ -साथ रामलीला होती है जो कुछ इस प्रकार से होती है :
- राम जन्म
- सीता स्वयंवर
- लक्ष्मण परशुराम संवाद
- राम-लक्ष्मण वनवास
- सूर्पनखा का नाक कटना
- सीता हरण
- हनुमान द्वारा लंका दहन
- लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच युद्ध
- रावण वध
- भरत -मिलाप
आज के दिन तो दर्शकों की ज्यादा संख्या में भीड़ उमड़कर आती हैं सच रामलीला वाले दिनों में एक ही साथ रामलीला होती है सच में जो रामलीला वाले दिनों मेंजो चहल पहल देखने को मिलते हैं रात भर दर्शकों की भीड़ लगी होती है|
रामलीला का आयोजन (Ramlila Aayojan):
रामलीला का कला प्रदर्शन प्रायः महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी के प्रसिद्ध महाकाब्य “रामचरितमानस” के आधार पर अभिनय होता है मंच पर बैठे व्यास जी “मानस” की पंक्तियां गातें हैं और उसी अनुसार हमारे कलाकार अपने पात्र का अभिनय करते हैं और इसे आगे बढ़ाते हैं|अंतिम दिन की रामलीला रंगमंच पर ना होकर बल्कि यह खुले मैदान में होती है जहां पर राम और राक्षस राज रावण के बीच में युद्ध होता है जिसमें रावण प्रभु श्री रामचन्द्र के हाथों द्वारा मारा जाता है उसके कुछ समय पश्चात रावण का पुतला जलाया जाता है|

राम और भरत मिलाप :
विजयदशमी के अगले दिन ही राम और भरत का मिलाप होता है जिससे भरत मिलाप कहते हैं उस दिन का दृश्य हृदय को छू जाता है नंगे पैरों भागते हुए भरत जी अपने बड़े प्रिय भाई प्रभु श्रीरामचन्द्र जी के चरणों पर गिर पड़ते हैं प्रभु श्री रामचन्द्र जी अपने छोटे भाई भरत जी को बीच में ही रोककर अपने भुजाओं में ले लेते हैं| यह दृश्य देखकर वह पर उपस्थित सभी प्रजा लोगों की आंखें भर जाती है |
निष्कर्ष :
दशहरा या विजयदशमी का त्यौहार अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है यही इसीलिये हम भगवान रामचंद्र जी के आदर्शों को अपनाते हैं|
आज आप लोगो को दशहरा के बारे में जानकारी दिया हूँ मैं आप लोगो से उम्मीद करता हूँ की यह लेख आपके लिए सही साबित होगा |धन्यवाद